यह वही स्कूल है जहां पांच दिन पहले 18 जुलाई को कक्षा 9 की छात्रा नंदिनी की अचानक तबीयत बिगड़ने पर मौत हो गई थी। उसे भी अस्पताल लाने से पहले ही दम तोड़ चुकी थी। लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं से स्कूल प्रशासन, अभिभावक और छात्र-छात्राएं सभी सकते में हैं।
18 दिनों में दो मौतें और अब दो गंभीर: बढ़ती घटनाओं से खौफ
गौरतलब है कि पिछले 18 दिनों में इसी स्कूल से जुड़ी दो छात्रों की मौत हो चुकी है और कई बच्चों के बेहोश होने की घटनाएं भी सामने आई हैं। ऐसे में मंगलवार की यह घटना एक बार फिर चिंताजनक और चौंकाने वाली बन गई है। स्कूल के प्रधानाचार्य शैलेंद्र प्रताप ने कहा कि, “अब हमें भी समझ में नहीं आ रहा कि आखिर स्कूल में क्या हो रहा है। बच्चों की तबीयत लगातार क्यों बिगड़ रही है, इसकी जांच होनी बेहद जरूरी है।”
बच्चों में दहशत, अभिभावकों में चिंता
लगातार हो रही घटनाओं के बाद स्कूल के बच्चों में दहशत का माहौल है। कई छात्र-छात्राएं स्कूल आने से कतरा रहे हैं। अभिभावकों की चिंता इस कदर बढ़ गई है कि वे बच्चों को स्कूल भेजने से पहले अब सोचने को मजबूर हैं।
क्या है बीमारी या कोई और वजह? प्रशासन मौन
अब तक नंदिनी की मौत के पीछे की सटीक वजह साफ नहीं हो पाई है और अब दो और छात्र-छात्राओं की हालत बिगड़ने से सवाल उठने लगे हैं – क्या स्कूल परिसर में कोई जहरीला पदार्थ या अन्य स्वास्थ्यवर्धक खतरा मौजूद है? फिलहाल शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है, जिससे असमंजस और बढ़ गया है।
क्या कार्रवाई होगी?
इन घटनाओं की जांच अब बेहद जरूरी हो गई है। स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा अधिकारियों को तत्काल संज्ञान लेकर विद्यालय परिसर की जांच, निरीक्षण और छात्रों के स्वास्थ्य परीक्षण की दिशा में कार्य करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी कोई भी दुखद घटना ना हो।