किराए पर खाते, स्टूडेंट्स का दुरुपयोग
चित्तौड़गढ़ के आकोला, राजसमंद और उदयपुर में पढ़ने वाले दर्जनों स्टूडेंट्स के बैंक खाते किराए पर लिए जा रहे हैं। ऑटो चालक, चायवाले और बुजुर्गों के नाम पर खाते खुलवाकर ठग पैसे ट्रांसफर करते हैं। सूत्रों का कहना है कि आसपुर के एक गांव में गुप्त ट्रेनिंग सेंटर चल रहे हैं। कुछ ठग पुलिस की नजर से बचने के लिए उदयपुर और अहमदाबाद शिफ्ट हो गए हैं। स्टूडेंट्स के खातों में हो रहे लाखों रुपए के लेन-देन पर बैंक जान-बूझकर भी खामोशी अख्तियार कर लेते हैं। पुलिस की ओर से आधिकारिक तौर पर निर्देश जारी करने या आग्रह पर उन खातों को सीज कर दिया जाता है।एस्कॉर्ट सर्विस का जाल
ठग लोकेन्टो जैसे प्लेटफॉर्म पर कॉलगर्ल एस्कॉर्ट सर्विस के फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं। आकर्षक तस्वीरों के साथ उदयपुर, जयपुर, अहमदाबाद जैसे शहरों में सर्विस का लालच देकर ग्राहकों को फंसाया जाता है। वाट्सऐप पर फोटो भेजकर 5,000 से 20,000 रुपए एडवांस लिए जाते हैं, फिर फोन नंबर बंद कर दिए जाते हैं। इस नेटवर्क में डूंगरपुर-बांसवाड़ा के गांवों से संचालित मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल हो रहा है।ठगी के तौर तरीके
-फर्जी निवेश योजनाओं में 24 फीसदी मुनाफे का लालच।-एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर ठगी।
-लिंक भेजकर वाट्सऐप हैकिंग और खातों से पैसे निकासी।
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पुलिस का एक्शन
18 अप्रेल 2025 को बांसवाड़ा साइबर पुलिस ने दो ठगों को पकड़ा, जिनके पास 13 सिम, 5 एटीएम कार्ड, 5 मोबाइल और 11,000 रुपए मिले। उनके खिलाफ 10 लाख की ठगी के 10 मामले दर्ज हैं।इसलिए नहीं हो पाती कार्रवाई
डूंगरपुुर के कुछ गांवों में बैठे साइबर ठग एस्कोर्ट सर्विस के नाम पर करोड़ों रुपए कमा चुके हैं। लोग शर्मिंदगी में शिकायत करने से बचते हैं। यही वजह है कि पुलिस पूरी तरह नकेल नहीं कस पाई।–मानस त्रिवेदी, साइबर एक्सपर्ट