बलरामपुर जिले के रामानुजगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नवाडीह निवासी मुरली गुप्ता का पुत्र अंकेश गुप्ता 19 वर्ष रामानुजगंज कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था। अंकेश (Commits suicide) की मां अपना इलाज कराने झारखंड के डाल्टनगंज गई थी। पिता के साथ वह घर में था।
मंगलवार की सुबह पिता ने कहा कि वह खेत की तरफ जा रहा है, तुम खाना बनाकर रखना, पिता जब 1 घंटे के बाद आए तो पुत्र को खोजने लगे। फिर ढूंढते हुए छत की ओर नजर गई तो अंकेश की लाश फांसी (Commits suicide) पर लटक रही थी। अपने इकलौते बेटे को खोने के गम को माता-पिता भूल नहीं पा रहे हैं, मंगलवार से बह रही आंसू की धाराएं रुक नहीं रहीं हंै।
बताया जा रहा है कि अंकेश जब बीमार पड़ा था तो पिता व्याकुल हो गए थे, उसे इलाज के लिए काफी दूर-दूर ले गए थे और अंतत: ठीक कराकर ही वापस लाए थे।
बेटे को दे रखी थी पूरी छूट
मुरली गुप्ता ने बेटे (Commits suicide) को पूरी छूट दी थी कि तुमको जो पढ़ाई करना है करो, कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। मां जब अंकेश को डांटती थी तो पिता पत्नी को डांटते थे कि इसे बहुत ज्यादा मत टोका करो, इसे अपने मन से करने दो तो हमारा बेटा अच्छा करेगा। लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि बेटा एक दिन उन्हें छोडक़र हमेशा के लिए चला जाएगा।
Commits suicide: सुसाइड की यह चौथी घटना
युवाओं द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या (Commits suicide) करने की कुछ दिनों की यह चौथी घटना है। लोगों का कहना है कि आखिरकार युवा क्यों छोटी-छोटी बातों में इतना गुस्सा हो जा रहे हैं या हताश-निराश हो जा रहे हैं कि उन्हें आत्महत्या करना पड़ रहा है। समाज को अब जगने की आवश्यकता है ताकि आने वाले समय में दोबारा ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।