CG News: क्रशर से निकलने वाली तेज आवाज
लोगों ने बताया कि क्रशर से उठने वाली दमघोंटू धूल की मोटी परत पूरे इलाके में फैल गई है। इससे बच्चे-बुजुर्गों में सांस संबंधी बीमारियां अस्थमा, ब्रोंकाइटिस की समस्या आ रही है। इलाके के लोगों की आंखों में जलन भी अब आम बात हो गई है। ध्वनि प्रदूषण बहुत बढ़ गया है। क्रशर से निकलने वाली तेज आवाज ने लोगों की नींद उड़ा रखी है। भारी गाड़ियों की आवाजाही ने सड़कें भी खराब हो चुकी हैं। इससे हादसों का खतरा बढ़ गया है। चिंताजनक बात ये कि लगातार शिकायत के बाद भी प्रशासन,
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, जिला प्रशासन और नगर पंचायत इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे।
अब तक इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। पर्यावरण के जानकारों ने बताया कि अवैध क्रशर संचालक पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986, वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981, जल प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1974 और खनन कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं।
संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
CG News: छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 के नियमों को भी वे नजरअंदाज कर रहे हैं। धूल कम करने के लिए पानी छिड़काव, विंड ब्रेकर दीवारें और हरित पट्टी लगाने जैसे जरूरी कदम भी नहीं उठाए जा रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि प्रशासन एक संयुक्त जांच दल बनाकर सभी क्रशर की जांच करे।। जो भी अवैध पाए जाएं, उन्हें तुरंत बंद कर दिया जाए। इनके संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।