CG News: अनिश्चितकालीन आंदोलन
अब हम सेवा शर्तों की समानता, ॥क्त्रस्न/ष्ठ्न/भत्तों की बहाली और सेवानिवृत्ति लाभों की गारंटी जैसे मूलभूत अधिकारों की मांग कर रहे हैं। संघ के उपाध्यक्ष डॉ. ईश्वरी साहू ने कहा, यह सिर्फ सुविधाओं की नहीं, हमारे संवैधानिक अधिकारों की बहाली की लड़ाई है। केवीके स्टाफ विश्वविद्यालय की रीढ़ है, लेकिन व्यवहार में उनके साथ भेदभाव हो रहा है। डॉ. गजेंद्र चंद्राकर ने
विश्वविद्यालय अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि अधिनियम के अनुसार तकनीकी स्टाफ की सेवा-निवृत्ति आयु 65 वर्ष और गैर-तकनीकी की 62 वर्ष है। केवीके कर्मचारियों को 60 वर्ष में रिटायर करना अवैधानिक और भेदभावपूर्ण है। कुलपति ने आश्वासन दिया कि मांगों पर कार्रवाई कर लिखित जवाब दिया जाएगा। इस पर संघ ने दो टूक कहा कि ठोस कार्रवाई न हुई, तो राज्यव्यापी, चरणबद्ध और अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे।
शैक्षणिक, अनुसंधान और प्रसार कार्यों में बाधा
संघ ने यह भी साफ किया कि अगर इससे शैक्षणिक, अनुसंधान और प्रसार कार्यों में बाधा आती है, तो उसकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की होगी। प्रदर्शन के दौरान डॉ. विजय जैन, डॉ. आरएल शर्मा, डॉ. एसपी सिंह, डॉ. खूबिराम साहू, डॉ. सौगात ससमल, डॉ. प्रमिला जोगी, डॉ. तोषण ठाकुर, डॉ. प्रमिला रामटेके, डॉ. घनश्याम दास साहू, डॉ. अमित शुक्ला, डॉ. रंजीत मोदी आदि मौजूद रहे।
CG News: ये सात मांगें रखी…
- सेवा शर्तों एवं वेतनमान की समतुल्यता
- सभी तरह के भत्तों की बहाली
- मेडिकल भत्ते की पुनर्बहाली
- पदोन्नति योजनाओं की पुन: स्थापना
- सेवानिवृत्ति आयु 65/62 वर्ष निर्धारित करना
- पेंशन, ग्रेच्युटी और रिटायरमेंट लाभ की गारंटी
- मूल समस्याएं हल हुए बिना अस्थायी नियुक्तियों पर रोक