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बालोद

हमर लैब में एक साल से रिजेंट किट नहीं, किडनी, कोलेस्ट्रॉल, लिवर की नहीं हो रही जांच

बालोद जिला अस्पताल के हमर लैब में जांच की रिजेंट टेस्टिंग किट एक साल से समाप्त हो चुकी है। इसकी वजह से ऑटोमेटिक सीबीसी जांच नहीं हो रही है। इस जांच से कई बीमारियों का पता लगाया जाता है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन मैनुअली जांच करने का दावा कर रहा है।

बालोदMay 21, 2025 / 11:53 pm

Chandra Kishor Deshmukh

बालोद जिला अस्पताल के हमर लैब में जांच की रिजेंट टेस्टिंग किट एक साल से समाप्त हो चुकी है। इसकी वजह से ऑटोमेटिक सीबीसी जांच नहीं हो रही है। इस जांच से कई बीमारियों का पता लगाया जाता है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन मैनुअली जांच करने का दावा कर रहा है।
District Hospital Balod : बालोद जिला अस्पताल के हमर लैब में जांच की रिजेंट टेस्टिंग किट एक साल से समाप्त हो चुकी है। इसकी वजह से ऑटोमेटिक सीबीसी जांच नहीं हो रही है। इस जांच से कई बीमारियों का पता लगाया जाता है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन मैनुअली जांच करने का दावा कर रहा है। मैनुअली जांच रिपोर्ट को लेकर मरीजों में भ्रांति है। टेस्टिंग किट कब आएगी, यह अस्पताल प्रबंधन को भी नहीं मालूम है। जिला अस्पताल के हमर लैब में पहले 115 प्रकार की रक्त जांच होती थी। अब 50 प्रकार के ही जांच हो रही है।

निजी सेंटर में महंगी जांच कराने मजबूर

रिजेंट किट नहीं होने के कारण केलोस्ट्रॉल, थाइराइड, डायलिसिस, किडनी, लिवर फंक्शन, इलेक्टोराइट सहित अन्य जरूरी जांच नहीं हो रही है। जांच कराने मरीज आते हैं, लेकिन उन्हें वापस जाना पड़ रहा है। वे निजी सेंटरो में महंगे दाम पर रक्त जांच कराने मजबूर हैं। मैनुअली जांच में काफी वक्त लग रहा है, इसलिए समय पर रिपोर्ट नहीं मिल रही है। इससे इलाज में भी देरी हो रही है। लैब शो पीस बनकर रह गया है।
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रक्त जांच के लिए भटक रहे है मरीज

गंभीर रोगों का इलाज कराने रक्त जांच जरूरी है, लेकिन जिला अस्पताल में रिजेंट किट नहीं है। मरीजों की परेशानियों से सीजीएमएससी विभाग को मतलबे नहीं है। रोजाना मरीज चक्कर लगा रहे हैं।

अस्पताल में बढ़ी मरीजों की संख्या

मौसम में बदलाव के कारण लोग बीमार पड़ रहे हंै। जिला एवं मातृ शिशु अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी है। हर दिन लगभग 300 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। भर्ती मरीजों को भी सीबीसी जांच कराना अनिवार्य होता है। इस स्थिति में हमर लैब में प्रतिदिन लगभग 50 से अधिक सीबीसी जांच होती थी। अब मैनुअली जांच हो रही है। समय पर रिपोर्ट नहीं मिल रही है।
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लिखा गया है पत्र

जिला अस्पताल बालोद के सिविल सर्जन डॉ. आरके श्रीमाली ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से रिजेंट किट नहीं होने से सीबीसी जांच प्रभावित हो रही है। मैनुअली जांच हो रही है। किट के लिए सीजीएमएससी को पत्र लिखा गया है। अब तक कोई जवाब नहीं आया है।

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