पत्र में मांगी गई जानकारी के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
- आय वर्ग के आधार पर प्रभावित छात्र:
स्कूल विलय से प्रभावित विद्यार्थियों का आय-स्तर के अनुसार वर्गीकरण किया जाए — निम्न आय वर्ग, मध्यम आय वर्ग और उच्च आय वर्ग के कितने छात्र इस निर्णय से प्रभावित होंगे, इसका विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध कराया जाए। - जातिगत वर्गीकरण:
अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और सामान्य वर्ग (General) के कितने विद्यार्थी इस फैसले से प्रभावित हुए हैं, इसका पूरा आंकड़ा प्रस्तुत किया जाए। - ग्राम व ब्लॉक स्तर पर प्रभावित बच्चों की सूची:
स्कूल विलय से कुल कितने बच्चे प्रभावित हुए हैं, इसकी संख्या ग्रामवार व ब्लॉकवार सूची के साथ दी जाए। - वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था की जानकारी:
विद्यालय बंद होने की स्थिति में बच्चों को दूसरे स्कूल तक पहुंचाने के लिए विभाग द्वारा क्या परिवहन व्यवस्था प्रस्तावित की गई है, इसकी जानकारी साझा की जाए। - अभिभावकों की सहमति या आपत्ति:
इस फैसले पर क्या अभिभावकों से कोई लिखित सहमति या आपत्ति ली गई है? यदि हां, तो संबंधित अभिलेखों की प्रतियां सार्वजनिक की जाएं। - शिक्षकों व कर्मचारियों की नई तैनाती:
मर्ज किए गए विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षामित्रों, रसोइयों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नई तैनाती किस स्कूल में की गई है, इसकी स्पष्ट सूची जारी की जाए। - ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर कर्मचारियों की तैनाती:
कितने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर तैनात किया गया है, इसकी सूची भी अनिवार्य रूप से दी जाए।
सांसद ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि यह जानकारी जनहित से जुड़ी है और इससे प्रशासन की पारदर्शिता भी सिद्ध होगी। उन्होंने प्रशासन से अपेक्षा की है कि उक्त सूचनाएं शीघ्र उपलब्ध कराकर भ्रम की स्थिति को दूर किया जाए।