अभियुक्त के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4), 319(2), 336(3), 338, 340(2), 111, आईटी एक्ट की धारा 66सी, 66डी और सार्वजनिक जुआ अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज है। पुलिस के अनुसार, योगेश त्रिपाठी कम पढ़े-लिखे और भोले-भाले लोगों को प्रधानमंत्री योजना का लाभ दिलाने का झांसा देकर और 3000 रुपये नकद देकर उनके नाम से बैंक खाते खोलता था। खातों की किट (एटीएम, चेकबुक, पासबुक) खाताधारकों को न देकर साइबर अपराधियों को सौंप देता था। इन खातों का उपयोग आॅनलाइन फ्रॉड, बेटिंग और जुए जैसे अपराधों में किया जाता था।
साइबर थाना आजमगढ़ की जांच में पाया गया कि योगेश ने 30 से 35 खाते अपनी आईडी पर खोले और इन्हें साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराया। पूछताछ और साक्ष्यों के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त देवरिया के रुद्रपुर थाना क्षेत्र के मल्लाह टोली, वार्ड नंबर 02 का निवासी है। गिरफ्तारी निरीक्षक/विवेचक अश्वनी कुमार यादव (क्षेत्राधिकारी सदर कार्यालय, आजमगढ़) के नेतृत्व में की गई।