फर्जी प्रमाण पत्र (Fake Birth Certificate) बनाए जाने के मामले को पत्रिका ने कई खबरों का प्रकाशन प्रमुखता से किया था। इसके बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सहायक जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. संटू बाघ ने मणिपुर थाने में इसी वर्ष 20 मार्च को रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
उन्होंने पुलिस को बताया था कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वर्ष अपै्रल 2013 से ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। इसके बावजूद विभिन्न च्वाइस सेंटरों द्वारा वर्ष 2013 से पूर्व के जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है और प्रमाण पत्र में जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन का हस्ताक्षर फर्जी तरीके (Fake Birth Certificate) से स्कैन कर डिजिटल किया जा रहा है।
वर्ष 2006, 1970, 1984, 2011 में जन्में व्यक्तियों के भी डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए थे। सहायक जिला अस्पताल अधीक्षक की रिपोर्ट पर मणिपुर पुलिस अज्ञात च्वाइस सेंटर संचालकों के विरूद्ध अपराध दर्ज कर विवेचना कर रही थी।
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विवेचना के दौरान पुलिस तकनीकी जानकारी के आधार आरोपी की तलाश के लिए बलिया उत्तरप्रदेश रवाना हुई थी। यहां पुलिस द्वारा आरोपी अक्षय यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने 250 रुपए की दर से 150 से 200 फर्जी प्रमाण पत्र (Fake Birth Certificate) बनाना स्वीकार किया।
मामले में पुलिस ने आरोपी अक्षय यादव पिता निर्मल यादव 26 वर्ष साकिन कोडहरा थाना दोकटी जिला बलिया उत्तरप्रदेश को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोबाइल एवं 1 नग फर्जी प्रमाण पत्र जब्त किया है। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है।