Ambikapur-Renukoot rail line: अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन की मांग को लेकर सरगुजा रेल संघर्ष समिति ने शहर में की पदयात्रा
Ambikapur-Renukoot rail line: सरगुजा रेल संघर्ष समिति द्वारा किया जा रहा चरणबद्ध कार्यक्रम, पदयात्रा में काफी संख्या में आम जनता भी हुई शामिल, रेल मंत्री के नाम कलेक्टोरेट में सौंपा ज्ञापन
अंबिकापुर। सरगुजा रेल संघर्ष समिति ने अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन (Ambikapur-Renukoot rail line) निर्माण की मांग को लेकर मंगलवार को पदयात्रा की। पदयात्रा महामाया चौक अंबिकापुर से घड़ी चौक तक हुई, इसके बाद कलेक्ट्रेट में रेल मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इसमें अंबिकापुर-रेणुकूट रेल मार्ग की मांग आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में शामिल कर इसका कार्य जल्द प्रारंभ करने की मांग की गई।
सरगुजा क्षेत्र रेल संघर्ष समिति ने महामाया चौक से चेंबर ऑफ कॉमर्स, कैट सहित व्यापारिक संगठनों, अधिवक्ताओं और गणमान्य नागरिकों के साथ अंबिकापुर रेणुकूट रेल (Ambikapur-Renukoot rail line) निर्माण की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए शहर के मुख्य मार्ग देवीगंज रोड होकर घड़ी चौक तक पदयात्रा निकाली। इस कार्यक्रम के दौरान व्यापारियों और आम नागरिकों को अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन के महत्व से संबंधित तथ्यों के साथ पंपलेट वितरण भी किया गया।
Surguja Rail Sangharsh samiti इस अवसर पर (Ambikapur-Renukoot rail line) चेम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश मंत्री गोपाल अग्रवाल, व्यापारी संगठन कैट के जिलाध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज तिवारी, जनार्दन त्रिपाठी, अयोध्या हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत वेदांती महाराज, अभिषेक सिंह, कांत दुबे, मंगल पांडेय, प्रभुनारायण वर्मा, अजय तिवारी, कैलाश मिश्रा, कान्हा अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, सुनील अग्रवाल, अमित अग्रवाल, अमित बंसल, ऋषि अग्रवाल, अनंगपाल दीक्षित, विजय सोनी, शिवेश सिंह,
Ambikapur-Renukoot rail line: वर्ष 2023 में ही जमा हो चुका है डीपीआर
अंबिकापुर रेणुकूट रेल लाइन (Ambikapur-Renukoot rail line) का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट अक्टूबर 2023 में रेलवे बोर्ड को जमा कर दिया गया है। इस प्रस्तावित रेल लाइन को आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में शामिल करने के लिए रेल संघर्ष समिति चरणबद्ध कार्यक्रम संचालित कर रही है।
अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन निर्माण की मांग को लेकर जन समर्थन और उत्साह लगातार बढ़ता जा रहा है। पदयात्रा में कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
‘अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन से सरकार को फायदा’
रैली और ज्ञापन देने के बाद सरगुजा रेलवे संघर्ष समिति ने सर्किट हाउस में पत्रवार्ता भी की। इसमें मुकेश तिवारी ने कहा कि अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन (Ambikapur-Renukoot rail line) के लिए केन्द्र सरकार से वर्ष 2024-25 के बजट में उम्मीद थी, पर कोई विचार नहीं किया गया। इस लाइन का ट्रैफिक प्रोजेक्शन तुलनात्मक तौर पर सभी मापदंडों पर रेलवे के लिए लाभकारी है। रोजाना तकरीबन 12 हजार लोगों को इस रूट से आना-जाना होता है। इन्हें भी इसका लाभ मिलेगा।
सभी कोल खदान से कोयले एवं बाक्साइट का परिवहन इसके माध्यम से किया जा सकता है। वहीं अधिवक्ता मनोज तिवारी ने कहा कि अंबिकापुर-बरवाडीह रेल लाइन के विस्तार से सरकार को नुकसान होगा। क्योंकि इस क्षेत्र में कोल ब्लाक बहुत कम हंै, वहीं रेलवे को यात्री ट्रेन चलाने से घाटा होता है। अबिकापुर-रेणुकूट लाइन (Ambikapur-Renukoot rail line) काफी लाभकारी है।
छत्तीसगढ़ में पर्याप्त खनिजें हैं। इसके अलावा बनारस एजुकेशन हब है। बनारस मेडिकल लाइन से भी जुड़ा हुआ है, वहीं तीर्थ स्थल भी है। इस रेल लाइन के विस्तार से सरकार को दोहरा फायदा होगा। प्रभुनारायण वर्मा ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों को मजबूती से अपना पक्ष रखने की जरूरत है।
अंबिकापुर-गढ़वा फोरलेन की मांग का उदहारण देते हुए उन्होंने कहा कि जो काम झारखंड से हो सकता है वह यहां से भी हो सकता है। लेकिन यहां के जनप्रतिनिधि उदासीन हैं। सडक़ व रेल के लिए यहां के जनप्रतिनिधियों को आगे आने की आवश्यकता है तभी अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन (Ambikapur-Renukoot rail line) की मांग पूरी हो सकती है।
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