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अलवर

राजस्थान में तीन इंजीनियर दोस्तों ने कमाए 150 करोड़, UP और MP समेत कई राज्यों में फैलाया नेटवर्क, तरीका जान पुलिस हैरान

Alwar Online Betting News: राजस्थान के अलवर में पुलिस ने क्रिकेट और ऑनलाइन सट्टेबाजी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। इसमें एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर समेत तीन दोस्त गिरफ्तार हुए हैं। गिरोह ने लगभग 150 करोड़ रुपये का लेन-देन किया।

अलवरJun 04, 2025 / 12:28 pm

Arvind Rao

Alwar Online Betting News

आरोपी गिरफ्तार (फोटो पत्रिका नेटवर्क)

Online Betting on Cricket Matches: आईपीएल के फाइनल मैच से ठीक पहले एमआईए थाना पुलिस ने ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में दो इंजीनियर और एक कंप्यूटर साइंस का ट्यूटर शामिल है। जो ऑनलाइन बेटिंग एप की वेबसाइट बनाकर लोगों से क्रिकेट मैचों पर सट्टा लगवाते थे। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 6 मोबाइल, 2 लैपटॉप, एक हार्ड ड्राइव टीवी, 15 एटीएम कार्ड और एक एसयूवी 300 बरामद किया है।

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एसपी संजीव नैन ने बताया कि आरोपियों ने 30 से ज्यादा वेबसाइट बनाई हुई है, जिनके जरिए अपना नेटवर्क राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश सहित देश के कई राज्यों तक फैलाया हुआ है। ऑनलाइन सट्टे के मामले में नितिन पालीवाल पुत्र ओमप्रकाश पालीवाल निवासी स्कीम नंबर 10, महेश शर्मा पुत्र रामनगीना शर्मा निवासी अपना घर शालीमार और पीयूष शर्मा पुत्र ओमप्रकाश शर्मा निवासी शिवाजी पार्क को गिरतार कर चार दिन की रिमांड पर लिया गया है। मामले की जांच के बाद आरोपियों द्वारा संगठित अपराध से कमाई गई संपत्ति को जब्त किया जाएगा।
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इस तरह खड़ा किया सट्टे का नेटवर्क


एमआईए थाना प्रभारी अजीत बड़सरा ने बताया कि आरोपी 2021 में दिल्ली के मनीष गुप्ता के संपर्क में आए और उसके लिए एप बनाने का काम करने लगे। इसकी एवज में मनीष तीनों आरोपियों को सैलरी देता था। बाद में साल 2022 में तीनों ने मिलकर महादेव सट्टा एप की तर्ज पर 30 से अधिक साइटें बनाकर 60 हजार से अधिक लोगों को जोड़कर सट्टे का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर दिया।

इन साइट्स को आरोपी एडमिन, मास्टर, सुपर मास्टर, एजेंट, क्लाइंट, फंटर और प्लेयर को लिंक के माध्यम से ऑपरेट कराकर आईपीएल समेत अन्य खेलों पर सट्टा लगवाते थे। इसके अलावा इन वेबसाइट्स पर अन्य जुए के माध्यम जैसे ऑनलाइन कैसीनो, मटका (फरीदाबाद, गाजियाबाद, दिल्ली और जोधपुर आदि) भी उपलब्ध करा रहे थे, जिनका रुपया आरोपी ऑनलाइन व कैश (हवाला) के माध्यम से आपस में बांटते थे।
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एक साइट की वर्चुअल करेंसी 99 करोड़ रुपये

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, एक वेबसाइट की वर्चुअल करेंसी करीब 99 करोड़ रुपये है। यह करेंसी वेबसाइट के भीतर ही इस्तेमाल होती है। इसका इस्तेमाल सट्टे के लिए किया जा रहा था।


यूं चढ़े पुलिस के हत्थे


साइबर सेल में कार्यरत हेड कांस्टेबल संदीप को मिली सूचना के आधार पर एमआईए थाना पुलिस ने नाकाबंदी कर सबसे पहले आगरा से वापस अलवर आ रहे नितिन पालीवाल को पकड़कर पूछताछ की। इस दौरान उसके मोबाइल और लैपटॉप से मिली सूचनाओं के आधार पर प्रकरण दर्ज कर उसके दो साथियों महेश शर्मा और पीयूष शर्मा को मथुरा से दस्तयाब किया गया।

तीनों आरोपियों की सट्टेबाजी के संगठित गिरोह में संलिप्तता पाए जाने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों में पीयूष और महेश हैं। जबकि तीसरा आरोपी नितिन अलवर में पहले कप्यूटर साइंस की कोचिंग चलाता था।


सट्टे के पैसों से चला रहे थे स्पोर्ट्स क्लब


एमआईए थाना प्रभारी बड़सरा ने बताया कि आरोपियों ने सट्टे के रुपयों से कई शहरों में प्रॉपर्टी खरीदी। वे डेवलपर से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन और ब्लैक मनी को व्हाइट मनी करने के मामलों में संगठन के रूप में स्वयं सक्रिय रूप से शामिल हैं। आरोपी ने कटी घाटी के पास लिवारी में डेढ़ करोड़ का प्लाट खरीदा था। जहां वे डग आउट स्पोर्ट्स क्लब चलाते हैं। इसके अलावा शालीमार में लैट सहित कई अन्य जगहों पर भी प्रॉपर्टियां खरीदने की जानकारी मिली है।

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