भक्तों ने विशेष पूजन कर परिवार की सुख-शांति और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना की। मंदिर समितियों और स्वयंसेवकों की मदद से मंदिरों में भीड़ को नियंत्रित किया गया और श्रद्धालुओं को दर्शन में कोई परेशानी न हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया। सावन के तीसरे सोमवार पर शिवभक्तों की इस आस्था और श्रद्धा ने एक बार फिर साबित किया कि श्रावण मास शिव भक्ति का महापर्व है, जिसमें हर उम्र, हर वर्ग के लोग तन, मन और श्रद्धा से भगवान शिव की आराधना में लीन हो जाते हैं।