अवैध शराब का जमकर हो रहा कारोबार
इन गांवों सहित आसपास के क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। यहां सावड़ी और लिवारी गांव के अवैध शराब माफियाओं की ओर से शराब की सप्लाई की जा रही है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी अवैध शराब का कारोबार हो रहा है। ग्रामीणों के अनुसार पीपलगढ़ में खेतों के पास मंदिर के पीछे सहित करीब 3-4 अवैध शराब के ठिकाने हैं। इसी तरह पैंतपुर में एक मोबाइल कंपनी के टावर के पास रात होते ही अवैध शराब का कारोबार पूरे परवान पर होता है।शराब ठेके की अवैध ब्रांच का भी हो रहा संचालन
यही नहीं कई जगहों पर शराब ठेकों की अवैध ब्रांच भी संचालित हो रही है। संबंधित विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। पैंतपुर सहित आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि सिलीसेढ़ तिराहा स्थित शराब ठेके की पैंतपुर गांव में कमीशन के आधार पर अवैध ब्रांच संचालित है। खास बात यह भी है कि ठेकेदार अपनी मर्जी के मुताबिक किसी भी स्थान पर अवैध ब्रांच शुरू कर देते हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद आबकारी विभाग की टीम पैंतपुर गांव पहुंची तो यहां गांव के पास अवैध ब्रांच खुली हुई थी, जिसे बाद में अधिकारियों ने बंद करा दियाचार लोगों की तबीयत खराब
फिलहाल 6 लोगों की शराब के सेवन से मौत की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा पैंतपुर निवासी ताहिर, किशनपुर निवासी विष्णु व डोबा निवासी सेढ़िया सहित 4 लोगों कीे तबीयत खराब हो गई थी। इनमें से ताहिर स्वस्थ हो चुका है। जबकि तीन लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में अभी इलाज चल रहा है।स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच रही घर-घर
घटना के बाद प्रभावित गांवों में चिकित्सक दल, नर्सिंग स्टाफ, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर सर्वे शुरू कर दिया है। सीएमएचओ डॉ. योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पीड़ित परिवारों के घर जाकर सर्वे की कार्रवाई की, लेकिन मृतकों की क्लीनिकल हिस्ट्री के बारे में पता नहीं लग सका है। इसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से नियमित रूप से तीनों प्रभावित गांवों में सघन सर्वे अभियान चलाकर लोगों की जांच की जाएगी। इस दौरान गंभीर व लंबी बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद होगा भारत की मौत का खुलासा
शराब के सेवन से मरे पांच मृतकों के परिजनों ने अपने स्तर पर ही उनका अंतिम संस्कार करा दिया, जबकि किशनपुर निवासी भारत की तबीयत खराब होने पर परिजन उसे एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के लिए लेकर गए। बाद में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।टॉपिक एक्सपर्ट
अवैध शराब निर्माता कम दाम में अधिक मुनाफा कमाने के लिए शराब बनाने के लिए मिथाइल एल्कोहॉल का इस्तेमाल करते हैं। इसकी अधिक मात्रा होने पर सबसे पहले लिवर को नुकसान पहुंचता है। इसके बाद पूरो शरीर पर इसका असर पड़ता है। जहरीली शराब पीने के बाद इसका असर सामान्य तौर पर 6 से 12 घंटे में दिखाई देने लगते हैं। इसमें पेट दर्द, उल्टियां होना और आंखों से धुंधला दिखाई देना जैसे लक्षण सामने आते हैं। वहीं, समय पर इलाज नहीं मिलने पर 12 से 24 घंटे में मरीज की स्थिति गंभीर होने पर उसकी मौत हो सकती है।-डॉ. सिद्धार्थ वियवर्गीय, असिस्टेंट प्रोफेसर, फोरेंसिक मेडिसिन विभाग, सामान्य अस्पताल।
अलवर में जहरीली शराब का कहर: 6 लोगों की मौत, प्रशासन पर उठे सवाल
इनका कहना है
जहरीली शराब का कारोबार पुलिस और प्रशासन की नाक के नीचे फैल रहा है, लेकिन सरकार और प्रशासन आंखें मूंदे बैठे हैं। पुलिस-प्रशासन तो इन मौतों को स्वीकार करने की बजाय दूसरे कारण गिना रहा है। यहां तक की मृतकों के परिजनों पर दबाव डालकर उनसे ऐसे बयान दिलवाए जा रहे हैं जिससे जहरीली शराब होने की बात ही झुठलाई जा सके।-टीकाराम जूली, नेता प्रतिपक्ष।
-योगेश मिश्रा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष