बहती थी दूध-छाछ की गंगापशुपालक नरेश जाट, छोटे लाल मीणा आदि ने बताया कि गांवों में जहां पहले दूध-छाछ की गंगा बहती थी, अब वहां लोगों को थेली की छाछ पीनी पड़ती है। दूध की बाजार में पर्याप्त आपूर्ति के लिए भी यूरिया, पाउडर या मिलावटी दूध का उत्पान कर रहे हैं और लोग उसे ही पीने को मजबूर हैं। प्रचूर मात्रा में चारे का अभाव, दूध देने वाले पशुओं की कमी और आमजन में शुद्ध देसी घी, दूध, दही व छाछ की बढ़ती मांग ही पशुओं के महंगे दामों का कारण बनती जा रहा है।
पशु हो रहे कम, पालन में नहीं दिखा रहे रुचिपशुपालकों के अनुसार जनसंख्या की दृष्टि से पिनान बड़े कस्बे की श्रेणी में आता है। यहां की आबादी करीब 30 हजार के लगभग हैं। आबादी क्षेत्र में ज्यादातर किसान व पशुपालक ही निवास करते हैं। वर्तमान में पशु गणना के आधार पर कस्बे में पशुपालकों के पास करीब 2000 भैंस, 200 गाय व 3000 बकरी पालन कर रहे हैं, जो पहले की अपेक्षा व कस्बे की आबादी के अनुसार बहुत ही कम है। आधुनिक संसाधनों के साथ ही पशुपालकों का पशुपालन से मोह हटता जा रहा है। करीब चार दशक पहले हर घर में पशु पालने का शौक था, लेकिन बदलते परिवेश ने पारंपरिक आजीविका के चलन पर विराम सा लग गया है। पशुपालक बताते हैं कि पशुओं के दामों में बढ़ोतरी, रोग फैलना, दुग्ध उत्पादन के लिए पशु के मुताबिक खुराक के लिए आर्थिक स्थिति कमजोर बनी रहने के कारण लोगों का पशु पालन से मन हटने लगा है।
बाजार में कहां से आ रहा दूधघटते दूध उत्पादन के बीच लोगों के मन में सवाल भी उठता है कि आखिर बाजार में दूध आ कहां से रहा है। आमदिनों के अलावा त्योहारी सीजन शुरू होते ही दूध की मांग और खपत दोनों ही बढ़ जाती है। ऐसे में साफ है कि मिलावटखोरी परवान पर चढ़ी रहती है। शुद्ध दूध में मिलावट कर उसके पोषक तत्वों को निचोड़ कर दूध ये दम निकाला जा रहा है। अमूमन एक परिवार में दो-तीन किलो दूध प्रतिदिन की आवश्यकता होती है। दुग्ध उत्पादन की कमी के चलते लोगों को मिलावट के दूध से ही काम चलाना पड़ रहा है।
योजनाओं का दिलाएंगे लाभपशुपालकों के आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत मिलने वाली अनुदान राशि प्रदान करने की मांग की है। पत्र में बताया कि अलवर जिले में करीब 30 हजार पशुपालक सरस डेयरी से जुड़े हुए हैं। जिनकी आजीविका पशु पालने पर ही निर्भर हैं, जो आर्थिक मदद के लिए डेयरी पर दूध बेचकर जीवन यापन करते हैं।मांगेलाल मीणा , विधायक, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़।कार्रवाई की जाती है
मिलावट पर विभाग सतत रूप से कार्रवाई कर रहा है। जहां भी मिलावट की शिकायत मिलती है। उस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए सेम्पल लिए जाते हैं। प्रवधान के अनुसार मामले का निपटारा किया जाता है।केशव कुमार गोयल, खाद्य निरीक्षक।