पीड़ित जयचंद शर्मा पुत्र मोरेलाल शर्मा निवासी 60 फीट रोड ने बताया कि उसकी दुकान पर सरस्वती सीनियर सेकेंडरी स्कूल, नेहरू नगर के संचालक नरेश चंद्र शर्मा पुत्र वीडी शर्मा व राजरानी शर्मा, सुमित शर्मा व कुश शर्मा पुत्र नरेश शर्मा सहित अन्य खरीदारी के लिए आते रहते थे। इन लोगों से उनका 8 साल पुराना संबंध था। आरोपी राजरानी शर्मा और सुमित शर्मा ने उसे बताया कि उन्होंने डोनेशन से एमबीबीएस में एडमिशन कराए हैं।
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पांच लाख रुपये नकद दिए
उन्होंने उसकी बेटी का भी एमबीबीएस में डोनेशन से एनआरआई सीट पर प्रवेश दिलाने का झांसा दिया। इस दौरान आरोपियों ने उससे कहा कि शुरू में 5 लाख रुपये नकद देने होंगे। बाद में शेष 45 लाख रुपये कॉलेज के खाते में डलवाने होंगे। इस पर उसने 21 जून, 2023 को 5 लाख रुपये नरेश शर्मा व सुमित शर्मा के घर जाकर उन्हें दे दिए।
अलग-अलग खाते में 47 लाख ट्रांजेक्शन कराए
अगले दिन आरोपियों ने उससे कहा कि उसकी बेटी के एमबीबीएस में प्रवेश की कार्रवाई शुरू हो गई है, उन्हें मुबंई चलना पड़ेगा। उनके कहने पर उसने 24 हजार रुपये ऑनलाइन हवाई जहाज के टिकट के लिए सुमित शर्मा के खाते में जमा करा दी। मुंबई पहुंचने के बाद आरोपियों ने होटल का किराए का भुगतान भी उसने किया। इसके बाद उसे एक बड़े ऑफिस में लेकर गए। वहां दो लाख रुपये अन्य लोगों को दिलवाए।
इसके बाद अलवर आकर फर्जी रसीदें और फर्जी मैसेज दिखाकर उससे अलग-अलग खातों में कुल 47 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन कराए। बाद में एमबीबीएस में प्रवेश नहीं होने पर आरोपियों ने 10 लाख रुपये उसकी फर्म के खाते में आरटीजीएस कर दिया और बकाया 37 लाख रुपये हड़प लिए, जिन्हें लौटाने से इंकार कर दिया।