मुलायम सिंह का उदाहरण देते हुए जताई अपेक्षा
धर्मगुरु ने कहा कि हमारा कहना यही है कि मुलायम सिंह यादव भी वहां जाते रहे हैं और उसी तरीके से अखिलेश यादव भी गए हैं। पूरा मुस्लिम समाज अखिलेश यादव को सपोर्ट करता आया है, लेकिन कहीं न कहीं इस बार एक कमी दिखाई दी है। अखिलेश यादव के दिल में क्या है, यह वही जानते हैं। अखिलेश यादव पहले से मुसलमानों की जाली वाली टोपी और नमाज के दौरान पहनी जाने वाली टोपी लगाते आए हैं, वह टोपी इस बार दिखाई नहीं दी है, इस टोपी का उनके सिर पर नहीं होना एक संदेह पैदा करता है, अखिलेश यादव स्पष्ट करें कि ऐसा क्यों हुआ। पहले जो जालीदार टोपी होती थी, इस बार क्यों नहीं पहनी।
सपा सांसदों का बचाव-सिर्फ चाय पीने गए थे नेता
वहीं, इस मामले में सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने पार्टी नेताओं का बचाव करते हुए कहा कि हमारे नेता ने मस्जिद के अंदर किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं की है, वह वहां केवल चाय पीने गए थे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के द्वारा इसको लेकर की जारी रही सियासी बयानबाजी उनकी मानसिकता और विचारधारा को दर्शाता है, भाजपा जो भी कह रही है वह पूरी तरह से झूठ है। उनके नेता गलत तथ्यों के आधार पर भ्रामक बयान दे रहे हैं। हमारे नेता की ओर से मस्जिद के अंदर किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं की गई।
डिंपल यादव ने कहा- सिर्फ सामाजिक कार्यक्रम था
इस मामले पर सांसद डिंपल यादव ने कहा कि जैसा बताया जा रहा है, ऐसा कुछ नहीं है। हमारे सांसद इमाम हैं और हम सभी लोग वहां एक सामाजिक कार्यक्रम के लिए गए थे। वहां कोई बैठक नहीं हुई।