रेलवे ने इसे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और देश के विभिन्न हिस्सों को आपस में जोड़ने की दिशा में एक अहम कदम बताया है। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने इस सेवा की जानकारी देते हुए बताया कि यह ट्रेन हर रविवार को अजमेर के पास स्थित दौराई स्टेशन से रवाना होगी और हर मंगलवार को गोड्डा से लौटेगी। यह सेवा साप्ताहिक आधार पर नियमित रूप से संचालित की जाएगी।
ट्रेन संचालन का शेड्यूल
- ट्रेन संख्या 19603 (दौराई से गोड्डा): प्रत्येक रविवार को अजमेर-दौराई स्टेशन से प्रस्थान करेगी।
- ट्रेन संख्या 19604 (गोड्डा से दौराई): प्रत्येक मंगलवार को गोड्डा स्टेशन से रवाना होगी।
प्रमुख पड़ाव और सुविधाएं
यह ट्रेन अलीगढ़, कानपुर,
लखनऊ, वाराणसी, पटना और भागलपुर जैसे बड़े स्टेशनों से होते हुए गोंडा तक पहुंचेगी। इसमें शयनयान (Sleeper), वातानुकूलित (AC), और सामान्य श्रेणी की बोगियों की सुविधा दी गई है। ट्रेन में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही खानपान की भी उचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
खाटू श्याम जी मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है और हर साल लाखों श्रद्धालु वहां दर्शन करने जाते हैं। वहीं अजमेर की दरगाह शरीफ सूफी संत ख्वाजा मुईन उद्दीन चिश्ती का प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता है। यह सीधी रेल सेवा दोनों धार्मिक स्थलों तक पहुंचने वालों के लिए न सिर्फ सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी एक नई दिशा देगी।
स्थानीय श्रद्धालुओं में उत्साह
रेल सेवा के शुरू होने की खबर जैसे ही फैली, स्थानीय श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौड़ गई। अलीगढ़ के खाटू श्याम भक्त मंडल के संयोजक राजेश अग्रवाल ने कहा, “अब हमें यात्रा के लिए बसों या दूसरी ट्रेनों में लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह सीधी सेवा हमारे जैसे हजारों श्रद्धालुओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं।”
प्रशासनिक तैयारी और सुझाव
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के मद्देनजर विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यात्रियों से आग्रह किया गया है कि वे यात्रा से पहले अपना आरक्षण अवश्य कराएं और यात्रा के दौरान कोविड प्रोटोकॉल या रेलवे द्वारा जारी किसी भी दिशा-निर्देश का पालन करें। साथ ही रेलवे ने फीडबैक सिस्टम को भी मजबूत किया है ताकि यात्रियों की प्रतिक्रिया के आधार पर सेवा को और बेहतर बनाया जा सके। रेल मंत्रालय इस सेवा की सफलता के आधार पर भविष्य में और भी धार्मिक स्थलों के लिए सीधी रेल सेवाएं शुरू करने की योजना बना रहा है। यदि गोड्डा-दौराई सेवा से अपेक्षित सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है, तो इसे द्विसाप्ताहिक या दैनिक सेवा में भी परिवर्तित किया जा सकता है।