निगम नहीं दे रहा ध्यान क्षेत्रवासियों ने नगर निगम प्रशासन पर इसकी अनदेखी करने का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि यहां रसोई बनाने की भी योजना थी। लेकिन विरोध के चलते इसे टालना पड़ा। क्षेत्र में वाल्मीकि समाज के लोग अधिक रहते हैं। उनके घरों में सामाजिक कार्य होेने पर सामुदायिक भवन की उपयोगिता रहती थी। लेकिन जर्जर हाल होने के कारण अब यह अनुपयोगी हो गया है।
दस साल से नहीं सार-संभाल अनदेखी के चलते सामुदायिक भवन की सुविधाएं ठप हो गई हैं। बोरिंग बंद होने से पानी नहीं है। शौचालय क्षतिग्रस्त हैं। बिजली के तार कटे हुए हैं। जिससे करंट का भी खतरा बना रहता है।
भवन का रंग-रोगन नहीं वर्ष 2014 में भवन निर्माण के बाद से ही इसकी सार संभाल नहीं की गई। इससे हालत खराब होती जा रही है। भवन की दीवारों में सीलन है। प्लास्टर उखड़ गया है। जिससे यहां बदबू का वातावरण है। रंगरोगन नहीं होने से भवन जर्जर हाल नजर आता है।
राजेश कुमार शादी-ब्याह में मंगवाते हैं टैंकर यहां कोी कार्यक्रम करने पर पानी के लिए टैंकर मंगवाना पड़ता है। निगम प्रशासन किराया भी अधिक लेता है। परिसर में भवन निर्माण सामग्री व मलबा पड़ा है।
जसराज तंबोली