बैठक में अजमेर एवं ब्यावर जिलों के रसद अधिकारियों के साथ “गिव अप अभियान” की प्रगति की समीक्षा की गई। मंत्री ने बताया कि 26 जनवरी से प्रारंभ इस नवाचार में अब तक प्रदेशभर में 20.71 लाख लोगों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा का लाभ छोड़ा है, जिससे 378 करोड़ रुपए की वार्षिक बचत केवल गेहूं वितरण से हुई है। इस अभियान से रसोई गैस सब्सिडी, आयुष्मान योजना और दुर्घटना बीमा योजना में भी बड़ी बचत संभव हो रही है।
गोदारा ने निर्देश दिए कि गिव अप संख्या को 35 लाख से बढ़ाकर 50 लाख, फिर 60 लाख तक पहुंचाया जाए। अजमेर-ब्यावर क्षेत्र में 1.21 लाख नए लाभार्थियों को योजना से जोड़ा गया है और यहां गिव अप संख्या 77 हजार से 1.25 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन लाभार्थियों को योजना से हटाया गया है, उनके स्थान पर पात्र लोगों को जोड़ा जाएगा। राज्य के लिए 4.46 करोड़ की केंद्रीय सीमा में अभी भी 16 लाख स्थान खाली हैं। इस माह तक 50 लाख नए लाभार्थियों को जोड़े जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि हर निरीक्षक प्रतिदिन कम से कम एक दुकान का निरीक्षण करें, और हर शुक्रवार को साप्ताहिक समीक्षा बैठक सुनिश्चित की जाए। साथ ही जिन क्षेत्रों में प्रगति नहीं हो रही, वहां के अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
राज्य की खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभों में शामिल हैं:
1-प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं। 2-मुख्यमंत्री रसोई गैस योजना में 450 रुपये में 12 सिलेंडर। 3-मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना के अंतर्गत निःशुल्क इलाज। 4-दुर्घटना में मृत्यु पर 5 लाख रुपये तक का बीमा।