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वित्तीय स्वीकृति नहीं होने से अटकी निविदा, नहीं हटा सेवन वंडर

-अजमेर विकास प्राधिकरण की मंशा पर सवाल, 16 को सुप्रीम सुनवाई अजमेर. आनासागर झील की नम भूमि क्षेत्र में अवैध रूप से बनाए गए सेवन वंडर निर्माण को तोड़े जाने के मामले में अजमेर विकास प्राधिकरण की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं। सेवन वंडर हटाने की कवायद के तहत प्राधिकरण को एक ही निविदा मिली […]

अजमेरMay 12, 2025 / 11:36 pm

Dilip

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-अजमेर विकास प्राधिकरण की मंशा पर सवाल, 16 को सुप्रीम सुनवाई

अजमेर. आनासागर झील की नम भूमि क्षेत्र में अवैध रूप से बनाए गए सेवन वंडर निर्माण को तोड़े जाने के मामले में अजमेर विकास प्राधिकरण की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं। सेवन वंडर हटाने की कवायद के तहत प्राधिकरण को एक ही निविदा मिली थी। जिसे प्रशासनिक स्तर पर तो खोल दिया गया लेकिन वित्तीय स्तर पर इसे अब तक नहीं खोला जा सका है। निविदा खोले जाने के बारे में पूछे जाने पर एडीए कुछ दिन तो तकनीकी खराबी की बात कहता रहा जबकि मामला कुछ अलग ही बताया जा रहा है।
तकनीकी जानकारोें के अनुसार किसी कार्य के लिए एक निविदा आने पर उसे निरस्त कर पुन: नई निविदाएं मांगी जाती हैं। ऐसे में नियमानुसार अब पुन: निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। इस प्रक्रिया में करीब एक माह और लग सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में 16 को सुनवाई

प्रकरण में देश की शीर्ष अदालत में इस मामले की 16 मई को सुनवाई होनी है। इसमें सरकार को अजमेर में वैकल्पिक नम भूमि की कार्य योजना बताने के साथ ही सेवन वंडर को हटाने की कार्रवाई के बारे में कोर्ट को अवगत कराना है। हालांकि गत आठ अप्रेल को हुई सुनवाई में सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को एक माह में सेवन वंडर की संरचनाओं को हटाने का आश्वासन दिया था जो पूरा नहीं किया गया है। सरकार की ओर से दिए गए शपथ पत्र में छह माह का समय दिया जा चुका है।
सरकार की ओर से 9 हैक्टेयर वरुण सागर में व करीब 10 हैक्टेयर भूमि में नम भूमि विकसित करने का आश्वासन दिया है।फिलहाल सेवन वंडर से सिर्फ एक एक संरचना स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी हटाने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। छह संरचनाएं वर्तमान में सेवन वंडर परिसर में पूर्वानुसार मौजूद हैं।इनका कहना है
इस संबंध में एक ही निविदा आई है इस पर अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है।

ओम प्रकाश वर्मा, डायरेक्टर इंजीनियरिंग

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