कई राज्यों की पुलिस को भेजे मामले
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र नई दिल्ली के अनुसार अजमेर में अनाधिकृत रूप से संचालित बकरी फार्म के खिलाफ राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल 1930 पर 3160 प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। प्रकरण विभिन्न राज्यों की पुलिस को भेजे गए हैं। जिनका निस्तारण किया जाना शेष है। पड़ताल में आया कि इन बकरी फार्मों के संचालक यूपीआई के जरिये व्यापारी, आमजन से धोखाधड़ी से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करवा रहे हैं। उनसे अब तक 2.7 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की जा चुकी है।
खाते फ्रीज कर कार्रवाई
अजमेर में बिना पंजीयन के विभिन्न नामों से संचालित बकरी फार्म के अनधिकृत बैंक खातों को फ्रीज करने के बाद उन खातों से ऐसे अन्य लोगों की जानकारी प्राप्त करने का भी प्रयास किया जा रहा है जो लोगों से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करवाकर धोखा दे रहे हैं।
दर्ज करें ई-जीरो एफआईआर
साइबर ठगों के खिलाफ साइबर अपराध समन्वय केन्द्र ने ई-जीरो एफआईआर दर्ज करने की व्यवस्था लागू की। अनाधिकृत रूप से चल रहे बकरी फार्म को बंद करवाने व ई-जीरो एफआईआर दर्जकर संबंधित राज्य की पुलिस और समन्वय केन्द्र दिल्ली को सूचित करना होगा।
इन बकरी फार्म के नाम ठगी
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र नई दिल्ली की जांच में अजमेर सीकर रोड स्थित आर.के. बकरी फार्म, हंस बकरी फार्म, डीएसपी बकरी फार्म, जेएमके बकरी फार्म, राजस्थान बकरी फार्म, अजमेर बकरी फार्म, तंवर बकरी फार्म(गजेन्द्र व प्रहलाद), नागौर व नागौरा बकरी फॉर्म, रूपचंद बकरी फार्म, सुल्तान बकरी फार्म, खान बकरी फॉर्म, एस.के बकरी फॉर्म, ए.के. बकरी फॉर्म, के.पी बकरी फॉर्म, राज बकरी फॉर्म, एल.के. बकरी फार्म, श्रीलक्ष्मी बकरी फार्म, दायमा बकरी फार्म व नागौर थांवला के सीएमएस बकरी फार्म के नाम पर यूपीआई से धोखाधड़ी की जा चुकी है। जो बबलू, राकेश कुमार, प्रकाश, दीपक, घनश्याम, गणेश इत्यादि के अपंजीकृत फार्म हैं। अधिकांश खाते इनके नाम पर नहीं हैं, लेकिन उनके अन्य खाताधारक हैं। पुलिस भी प्रकरण में पड़ताल में जुटी है।