अन्य शेरों के साथ आपसी लड़ाई में दोनों हुए थे घायल
जय और वीरू दोनों अन्य शेरों के साथ लड़ाई के दौरान घायल हो गए थे और उनका इलाज चल रहा था। वरिष्ठ वन अधिकारी डॉ. मोहन राम के मार्गदर्शन में पशु चिकित्सकों और विशेषज्ञों की टीम के व्यापक प्रयासों के बावजूद वीरू को बचाया नहीं जा सका। जामनगर के वनतारा के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने भी पिछले दो दिनों तक गिर में उनकी देखभाल की थी। सौभाग्य से जय की स्थिति स्थिर है, लेकिन वीरू की मौत हो गई।
सबसे बड़े शावक समूह में से था
सांसद नथवाणी के मुताबिक जय-वीरू का 12 शावकों और 4 मादा शावकों के साथ सबसे बड़े शावक समूहों में से एक था। वे इस जोड़ी का नाम जय और वीरू रखने में शामिल थे।ये दोनों इतने प्रसिद्ध थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में गिर यात्रा के दौरान उन्हें देखा था। जय-वीरू की जोड़ी गिर में एक स्थायी नाम है और शेर प्रेमी इस जोड़ी को हमेशा याद रखेंगे। वनरक्षक सागरभाई, ट्रैकर व उत्साही शेर प्रेमी और उनके जैसे कई अन्य लोग आने वाले दिनों में वीरू की यादों को संजोएंगे।