स्मार्ट वर्क के साथ हार्ड वर्क भी जरूरी: हनी
सीएस प्रोफेशनल प्रोग्राम में 700 में से 420 अंक पाकर देश में 11वीं रैंक पाने वाली हनी मनशानी बताती हैं कि गत वर्ष एक्जीक्यूटिव में भी उनकी देश में छठी रैंक थी। उन्होंने कहा कि बिना कड़ी मेहनत के स्मार्ट वर्क भी काम नहीं आता। अंतिम तीन माह दैनिक 14-15 घंटे पढ़ाई की। मॉड्यूल को आधार बनाया। समय प्रबंधन पर ध्यान देने को पुराने 250-300 पेपर हल किए। वे परिवार की पहली सीएस हैं।
निरंतरता से पढ़ाई, रिवीजन सबसे जरूरी: अरनव
700 में से 407 अंक के साथ सीएस प्रोफेशनल प्रोग्राम में देश में 16वां स्थान पाने वाले पंजाब मूल के अरनव शर्मा बताते हैं कि निरंतरता से पढ़ाई करना,रिवीजन करना सबसे जरूरी है। जितना पुराने पेपर हल करेंगे उतना फायदा होगा। आगे चलकर एलएलबी और एमबीए करने की चाहत है।
एक्जीक्यूटिव में चूरू की भूमिका ने पाई चौथी रैंक
राजस्थान के चूरू जिले के तारानगर की मूल निवासी हाल हाटकेश्वर में रह रही भूमिका सरावगी ने एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम में 700 में से 415 अंक पाकर देश में चौथा स्थान पाया है। वे कहती हैं कि मॉड्यूल से ही तैयारी करनी चाहिए। ज्यादा से ज्यादा पुराने पेपर हल करना काफी मदद करता है। पिता संजय कपड़े के व्यापार से जुड़े हैं। मां सुनीता गृहिणी हैं। परिवार की पहली सदस्य हैं, जो सीएस कर रही हैं।
योजना बनाकर करनी चाहिए पढ़ाई: रोनक
410 अंक के साथ देश में छठा स्थान पाने वाले अहमदाबाद के रोनक बेलानी ने दैनिक 10-11 घंटे की पढ़ाई कर यह सफलता पाई है। वे कहते हैं कि एक्जीक्यूटिव में सफलता के लिए दैनिक योजना बनाकर पढ़ाई करने से फायदा होता है। रिवीजन सबसे अहम है।
पाली की ध्रुवी ने पाई 13वीं ऑल इंडिया रैंक
राजस्थान के पाली जिले के चामुंडेरी की मूल निवासी हाल ओढव में रहने वाली ध्रुवी मालवी ने 398 अंक के साथ एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम में देश में 13वां स्थान पाया है। पिता भावेश व्यवसायी हैं, मां ममता गृहिणी हैं। ध्रुवी कहती हैं कि निरंतरता से पढ़ाई करने से सफलता जरूर मिलती है। तैयारी के चलते उन्होंने उत्सवों, पारिवारिक कार्यक्रमों में अच्छे से हिस्सा नहीं लिया। परिवार का पूरा सहयोग रहा।
लगन से निरंतर पढ़ाई करना फायदेमंद: पूजा
393 अंक के साथ एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम में देश में 16वां स्थान पाने वालीं पूजा झा बताती हैं कि लगन से निरंतर पढ़ाई करना सफलता के लिए काफी जरूरी है। यह फायदेमंद भी है। वे दैनिक आठ से नौ घंटे पढ़ाई करती थीं। रिवीजन पर जोर देना चाहिए। पिता देवाशीष व्यापारी हैं, मां ऋति शिक्षिका हैं।
सोशल मीडिया से रहें दूर: विजय
385 अंक के साथ एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम में देश में 21वां स्थान पाने वाले विजय मेनानी बताते हैं कि सफलता के लिए जरूरी है कि सोशल मीडिया से संभव हो उतना दूर रहें। दैनिक लक्ष्य निर्धारित कर पढ़ाई करें। ज्यादा से ज्यादा पुराने पेपर हल करें। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है।
मॉड्यूल को बनाएं पढ़ाई का आधार: वीरती
प्रोफेशनल प्रोग्राम में अहमदाबाद सेंटर में तीसरा स्थान पाने वाली वीरती शाह बताती हैं कि सफलता के लिए जरूरी है कि संस्थान के मॉड्यूल को ही पढ़ाई का मूल आधार बनाएं। एक्जीक्यूटिव में ऑल इंडिया रैंक थी।