एसीबी के तहत उन्हें इस संबंध में शिकायत मिली है। इसमें शिकायतकर्ता ने कहा कि उनके पति का नाम चिलोडा थाने में दर्ज एक प्रोहिबिशन के मामले में सामने आया है। दो जून को चिलोडा थाने की सर्वेलेंस स्क्वॉड की टीम उनके पति को पकड़ने के लिए उनके घर पहुंची थी। उन्हें वांटेड बताया गया था। इस पर शिकायतकर्ता उसके वकील मित्र के साथ चिलोडा थाने पहुंची थीं। मामले की जांच कर रहे हेड कांस्टेबल विष्णु रबारी से मुलाकात की और उन्हें बताया कि उनके पति का नाम गलत तरीके से केस में उजागर किया गया है। उन्हें परेशान न किया जाए। इस पर विष्णु रबारी ने उन्हें युवराज सिंह से मिलने के लिए कहा था।
नाम हटाने, परेशान न करने को ली घूस
शिकायतकर्ता जब युवराज सिंह से मिलीं तो उन्होंने उनके पति के नाम को मामले से निकालने के लिए पहले तीन लाख रुपए की मांग की। बाद में 1.10 लाख रुपए देने पर भी काम करने की तैयारी दर्शाई। शिकायतकर्ता रिश्वत देना नहीं चाहती थीं, जिससे उन्होंने इसकी शिकायत एसीबी थाने में दर्ज कर दी। इसके आधार पर एसीबी की टीम ने जाल बिछाया और सोमवार को चिलोडा थाने के सामने कांस्टेबल युवराज सिंह को शिकायतकर्ता के पास से रिश्वत के 1.10 लाख रुपए स्वीकारते हुए रंगेहाथों धर दबोचा।