402 गांव बाढ़ की चपेट में
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने रविवार को बताया कि 17 जिलों की 37 तहसीलों के 402 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इन गांवों में रहने वाले 84,392 लोगों की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हुई है। लोगों की सहायता के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) और प्रादेशिक सशस्त्र कांस्टेबलरी (PAC) की टीमें लगातार गश्त कर राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं।
ये जिले सबसे ज्यादा प्रभावित
बाढ़ की चपेट में आए जिलों में निम्नलिखित जिले शामिल हैं: कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा, फतेहपुर।
हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित
राहत आयुक्त के मुताबिक, अब तक 343 घर बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। साथ ही, 4,015 हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि पानी में डूब गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
नावों से पहुंच रही राहत सामग्री
बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन ने 493 नावों और मोटरबोटों की व्यवस्था की है। अब तक 76,632 फूड पैकेट्स बांटे जा चुके हैं। इसके साथ ही 29 सामुदायिक रसोइयों (लंगर) की स्थापना की गई है, जहां पीड़ितों को ताजा भोजन मुहैया कराया जा रहा है।
905 बाढ़ आश्रय स्थल और 1,193 बाढ़ चौकियां सक्रिय
सरकार ने 905 बाढ़ आश्रय स्थल बनाए हैं जिनमें अब तक 11,248 विस्थापित लोग शरण ले चुके हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के तहत 757 स्वास्थ्यकर्मियों की टीम प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा पहुंचा रही है। साथ ही 1,193 बाढ़ चौकियां स्थापित कर निगरानी रखी जा रही है ताकि स्थिति पर नजर रखी जा सके।
निगरानी और राहत के लिए सरकार अलर्ट मोड में
बाढ़ के हालात पर सरकार पूरी तरह सतर्क है। सभी जिला प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है और हर संभव सहायता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार की कोशिश है कि किसी भी व्यक्ति को भूखा या बिना इलाज के न रहना पड़े।